History of Indian Stock market | भारतीय स्टॉक मार्केट का इतिहास
नमस्कार दोस्तों आज हम जानेंगे History of Indian Stock market के बारे में .
हेलो दोस्तों,
क्या आप पैसे कमाने में रुचि रखते हैं? यह भी कोई पूछने वाली बात है। हर कोई पैसे कमाने के लिए दिन रात मेहनत करता है, लेकिन अगर आपको कहा जाए कि कम मेहनत में अधिक पैसा कमाया जाए कैसा रहेगा।
आज पैसे कमाने के अच्छे साधनों में से एक शेयर बाजार भी माना जाता है। दोस्तों एक बहुत बड़े अर्थशास्त्री और सक्रिय निवेशक ने कहा है, “शेयर बाजार एक ऐसी जगह है जो सभी भारतीयों की प्यास बुझा सकता है।”
कई लोग इसे गैंबलिंग मानते हैं लेकिन वास्तव में यह एक Systematic तरीके से निवेश करने का माध्यम है। इस माध्यम से आपके पैसे छोटे-बड़े कंपनियों में निवेश किए जाते हैं। आपके द्वारा किए गए निवेश के पैसे से जो मुनाफा कंपनी को होता है कंपनी आपसे साझा करती है।
History of Indian Stock market
आइए आज हम स्टॉक मार्केट के इतिहास के बारे में जानेंगे (History of Indian Stock market) और समझेंगे कि कैसे भारतीय स्टॉक मार्केट महज 138 लोगों के साथ शुरू हुआ और आज पूरी दुनिया में अपनी धाक जमाए हुए हैं।
भारत के स्टॉक बाजार का इतिहास करीब 147 साल पुराना है।भारत के आजादी के करीब 72 साल पहले यह स्थापित हुआ और आज 24 निवेश बाजारों (स्टॉक एक्सचेंज मार्केट) तक फैल चुका है।
Times of India के रिपोर्ट के अनुसार आज हर 5 में से 2 भारतीय परिवार और देश का 31% जनसंख्या म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर रहा है तथा स्टॉक मार्केट में निवेश की दर महज कुछ सालों में 2% से बढ़कर 10% हो गई है।
स्टॉक मार्केट के इतिहास (History of Indian Stock market) के बारे में जानना और भी ज्यादा रुचिकर और जरूरी हो जाता है क्योंकि आज के समय के मद्देनजर कुछ वर्षों में यह भारतीयों में निवेश के पहली पसंद के रूप में उभरा है।
इस बाजार की स्थापना 9 जुलाई 1875 में एक एसोशियन के रूप में हुई थी. इस एसोसिएशन का नाम नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन था. 1840 में शेयर दलाल एक बरगद के पेड़ के नीचे खड़े होकर शेयरों की खरीद-फरोख्त किया करते थे. वहीं से एसोसिएशन बनाने की रूपरेखा बनी और 1875 में इस बाजार की स्थापना हुई और आज दुनिया के बड़े स्टॉक एक्सचेंज में शुमार किया जाता है.
शेयर बाजार की स्थापना की मुख्य वजह (History of Indian Stock market)
1860 के दशक में मंबई में करीब 250 शेयर दलाल हो चुके थे. लेकिन 1865 के अमेरिकी गृहयुद्ध के बाद भारत में आने वाले पूंजी के प्रवाह में कमी आई, दलालों का कामकाज पूरी तरह से ठप्प हो गया. शेयरों के भाव औंधे मुंह गिरे. इन वजहों से शेयर दलालों ने अपनी एसोसिएशन बनाना तय किया और 1868 से 1873 तक एक गैर औपचारिक एसोसिएशन की रचना की.
1875 में उन्हें एक निश्चित जगह भी नियत कर दी जिसे आज दलाल स्ट्रीट कहा गयाइसके बाद एसोसिएशन ने शेयर खरीद फरोख्त के लिए एक इमारत के निर्माण के साथ दलालों के हितों की रक्षा के लिए काम करना भी शुरू किया. 1887 में इस दिशा में काम आगे बढ़ता दिखने लगा जो आज के बंबई स्टॉक एक्सचेंज की नींव बना. इसके बाद से भारतीय स्टॉक मार्केट ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज विश्व के टॉप 5 स्टॉक मार्केट की फेहरिस्त में शुमार है।
आशा करता हूं आपको हमारी (History of Indian Stock market) पोस्ट अच्छी लग रही होगी।
भारत के स्टॉक बाजार को यहां तक पहुंचाने का एक बहुत बड़ा श्रेय ब्रिटिश कालीन अधिकारी जेएम मैक्लीन को जाता है जिसने नेटिव शेयर दलालों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने की पुरजोर कोशिश की। जिन्हें आज के मुंबई निर्माण में अहम भूमिका निभाने के लिए याद किया जाता है। दोस्तों मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को शेयर मार्केट में निवेश जरूर करनी चाहिए।
परंतु याद रखें इसे कभी भी गैंबलिंग अर्थात जुआ की तरह ना लें बल्कि निवेशक की तरह इसमें निवेश करें और अधिक से अधिक मुनाफा में भागीदारी बने। जब कंपनी मुनाफे में होगी तो उस मुनाफे में आप भी हिस्सेदार होंगे लेकिन इसके पलट जब घाटे में होगी तो आपको भी उस घाटे का हिस्सेदार बनना होगा। बहुत से लोग इस घाटे वाले तरीके से सहमत नहीं होते हैं लेकिन जरा आप ही सोचिए कि आखिर कौन सा धंधा होता है जिसमें घाटा नहीं होता?
परंतु कोई भी कंपनी लंबे समय में मुनाफा ही देती है घाटा नहीं। अगर आपको शेयर बाजार के बारे में ज्यादा जानकारी ना हो तो जानकारी इकट्ठा करें फिर भी समझ ना आए तो किसी भी जानी-मानी बड़ी कंपनी में अपना शेयर ले सकते हैं। ऐसी बड़ी कंपनी भी है जिसका शेयर की कीमत ₹100 या इससे भी कम होती है। आप ज्यादा ना हो तो एक शेयर से ही अपने निवेश करने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। यकीन मानिए दोस्तों आपको धीरे-धीरे इसमें रुचि भी आनी शुरू होगी और आप एक अच्छे निवेशक बनते चले जाएंगे। शेयर मार्केट में निवेश करने का सबसे बड़ा कारण तो मुद्रास्फीति को beat करना है।
आप सोचिए आज अगर आपके पास ₹100 है 5 साल के बाद उसकी कीमत 125 या उससे भी ज्यादा होगी। लेकिन अगर आपके पास जो भी कुछ पैसा है वह यदि बैंक में है तो क्या वह उस कीमत पर पहुंच पाएगी। बेशक नहीं। क्योंकि अधिकांश बैंक अपने बचत खाता वाले ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा सिर्फ 3% तक ही ब्याज दर देती है, लेकिन अगर आप शेयर मार्केट के जरिए करते हैं तो आपको कम से कम 12% का जरूर मिलेगा।
दोस्तों आपको बता दें शेयर मार्केट या म्युचुअल फंड के जरिए निवेश करने पर जो भी आपके रकम में बढ़ोतरी होती है उसे रिटर्न बोला जाता है उसे ब्याज दर नहीं बोला जाता है क्योंकि यह निश्चित नहीं होता है कि किस साल या किस दिन आपके रकम में कितना वृद्धि होगा। यही वृद्धि बैंक खाते में निश्चित होती है कि इसमें कितने % की वृद्धि होगी इसीलिए इसे ब्याज दर बोला जाता है जो बिल्कुल ही कम होता है।
Whatsapp Banned
Recently my WhatsApp account has banned from using WhatsApp without having any reason. And I am sure that I have followed all your rules and community guidelines. But you have suspended my account for no reasons, So I kindly request to you please unbanned my WhatsApp account as soon as possible.
Thank you.
Conclusion (History of Indian Stock market)
दोस्तों आशा करते हैं आपको दी गई यह जानकारी (History of Indian Stock market) लाभकारी लगी होगी और आप शेयर बाजार के बारे में समझ पाए होंगे। आज की तारीख में पैसा निवेश करना बहुत ही आसान हो गया है. ऐसे ऐसे ऐप आ गए हैं जिसके माध्यम से आप अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और तुरंत निवेश करना शुरू भी कर सकते हैं। किस एप्लीकेशन के जरिए इन्वेस्ट करें, इसके लिए भी आर्टिकल (इन APPS से करे शेयर मार्केट में Invest) दी गई है आप उसे पढ़ सकते हैं।
आज के History of Indian Stock market अंक में बस इतना ही अगले blog पर फिर मिलते हैं एक नई जानकारी के साथ तब तक के लिए जय हिंद। दोस्तो हमारे इस पोस्ट (History of Indian stock market) को सभी के शेयर जरूर करे।
Thanks for reading this article (History of Indian Stock market) .